कंप्युटर का परिचय ( (Introduction of Computer)

 महत्वपूर्ण गणना यंत्र कम्प्यूटर की खोज बीसवीं शताब्दी में हो गई थी। इसकी महत्ता एवं उपयोगिता को देखते हुए आज के युग को कम्प्यूटर युग कहते हैं। यह हमारे निर्देश के अनुसार ही समस्त कार्य करता है। कम्प्यूटर के इतिहास का प्रारम्भ आदिकाल से ही माना जाता है। कम्प्यूटर की शुरुआत मनुष्य ने अंगुलियों पर गिनने से की तथा प्राचीन काल से सोलहवीं शताब्दी तक गिनने की कई विधियों का प्रयोग हुआ, लेकिन इनमें से कोई विधि मनुष्य के लिए सत्य सिद्ध नहीं हुई।

अबेकस (Abacus )


आपने अपने विद्यालय की प्रयोगशाला में कम्प्यूटर रखे देखे होंगे, लेकिन कम्प्यूटर आरम्भ में ऐसे नहीं थे। अबेकस तारों का एक फ्रेम होता है, जिनमें गोल दाने पिरोए रहते हैं। इसकी सहायता से गणना का कार्य होता था। इसका प्रयोग चीन के साथ-साथ अन्य देशों में भी होने लगा है। अबेकस गणना करने वाली सबसे पहली मशीन थी। जोड़ और घटाव जैसी सरल गणनाएँ अबेकस द्वारा सरलतापूर्वक की जा सकती थी। आज से लगभग 3000 वर्ष पूर्व चीन के गणितज्ञों ने अबेकस का आविष्कार किया था।
(नेपियर बोन्स Bones )

सन् 1616 में, सर जॉन नेपियर ने गणना करने वाली एक मशीन तैयार की। इस मशीन में आयताकार रॉड लगी हुई थी। यह मशीन नेपियर बोन्स कहलाती थी। इसके द्वारा सरल गणनाएँ: जैसे-जोड़ना, घटाना, भाग और गुणा आदि की जाती थी। बाद में इस मशीन को और विकसित किया गया और इससे भाग की लम्बी और कठिन गणनाएँ की जाने लगीं तथा उससे वर्गमूल भी ज्ञात किया जाने लगा।

पास्कलाइन (Pascaline )  
सन् 1642 में, ब्लेज पास्कल ने गणना करने वाली एक मशीन विकसित की और इसे पास्कलाइन नाम दिया। इसमें आयताकार बॉक्स थे जिनमें आठ पहिए (चक्र) लगे हुए था 




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